HANUMAN CHALISA FUNDAMENTALS EXPLAINED

hanuman chalisa Fundamentals Explained

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भावार्थ – अपने तेज [शक्ति, पराक्रम, प्रभाव, पौरुष और बल] – के वेग को स्वयं आप ही सँभाल सकते हैं। आपके एक हुंकारमात्र से तीनों लोक काँप उठते हैं।

– a retelling in the Ramayana within the Devanagari vernacular is considered as among his very best function. A lot of declare that Tulsidas was a reincarnation of Valmiki who was the initial composer the epic Ramayana in Sanskrit.

jaladhiJaladhiOcean lānghi gaye Lānghi gayeJumped acharajaAcharajaSurprised nāhīNāhīNo This means: Keeping the ring of Lord Rama inside your mouth, you leapt the ocean to Lanka, there isn't a shock in it.

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

All troubles stop for your a person who remembers the impressive lord, Lord Hanuman and all his pains also arrive at an conclusion.

He is typically considered to become the spiritual offspring on the wind deity Vayu, who is claimed to obtain played an important function in his delivery.[seven][8] In Shaiva tradition, He's regarded being an incarnation click here of Shiva, when in the vast majority of Vaishnava traditions he would be the son and incarnation of Vayu. His tales are recounted not just during the Ramayana but will also from the Mahabharata and different Puranas.

काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥ सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - भजन

NāsaiNāsaiEnd / demolish / cured rogaRogaDisease haraiHaraiEnd / close / taken out sabaSabaAll pīrāPīrāPains / diseases / afflictions / suffering

महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥ नासै रोग हरै सब पीरा ।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।

व्याख्या – सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार वज्र एवं ध्वजा का चिह्न सर्वसमर्थ महानुभाव एवं सर्वत्र विजय श्री प्राप्त करने वाले के हाथ में होता है और कन्धे पर मूँज का जनेऊ नैष्ठिक ब्रह्मचारी का लक्षण है। श्री हनुमान जी इन सभी लक्षणों से सम्पन्न हैं।

भावार्थ — हे हनुमान जी ! आपके पास कोई किसी प्रकार का भी मनोरथ [ धन, पुत्र, यश आदि की कामना] लेकर आता है, (उसकी) वह कामना पूरी होती है। इसके साथ ही ‘अमित जीवन फल’ अर्थात् भक्ति भी उसे प्राप्त होती है।

◉ श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।

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